हिमाचल प्रदेश के संजौली में स्थित अवैध मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने का कार्य जारी है। अब तक, छत पर लगी टीन की चादरों को हटा दिया गया है, जबकि मस्जिद की एटिक से लोहे के एंगल निकालने का कार्य अभी बाकी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने सोमवार को अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया था।
नगर निगम आयुक्त की अदालत के अनुसार, अवैध हिस्से को हटाने का पूरा खर्च संजौली मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा। मस्जिद कमेटी को इस खर्च के लिए वक्फ बोर्ड से कोई सहायता नहीं मिल रही है। हालांकि, कमेटी का कहना है कि जमीन का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास है।
21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानीय निवासियों की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया कि वह आठ हफ्ते के भीतर शिकायत का समाधान करें। यह शिकायत 2010 में स्थानीय लोगों द्वारा नगर निगम शिमला को की गई थी, जिसमें जमीन पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया गया था।
न्यायाधीश ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी पक्षों की सहमति से मामले का निपटारा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि नगर निगम आयुक्त को मस्जिद से संबंधित 2010 की शिकायत का समाधान आठ हफ्ते में करना होगा, जिसमें शिकायतकर्ता स्वयं एमसी शिमला है।
इस बीच, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिद कमेटी द्वारा अवैध हिस्से को हटाने के कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक समुदाय ने गैर-कानूनी तरीके से निर्माण किया था, और यह अच्छी बात है कि अवैध हिस्से को हटाया जा रहा है। मंत्री ने मस्जिद कमेटी के इस फैसले की प्रशंसा की।