मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित मौनतीर्थ पीठ के महंत और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर, डॉक्टर सुमनानंद गिरि को आज यानी गुरुवार को एक बार फिर जान से मारने की धमकी दी गई है। यह धमकी एक उर्दू पत्र के माध्यम से भेजी गई, जिसमें उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। पत्र प्रयागराज के करेली इलाके से भेजा गया था, और इसे सगीर अहमद के नाम से लिखा गया था। पत्र में महंत सुमनानंद गिरि को 'गुस्ताख-ए-रसूल' (नबी की तौहीन करने वाला) बताया गया है और उन्हें यह चेतावनी दी गई कि उनकी जान को खतरा है।
पत्र में उर्दू में लिखा गया है, ''काफिर सुमन आनंद, तू बार-बार नबी की तौहीन करता है। नामुराद, तुम अच्छी तरह जानते हो कि गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा जिस्म से जिस्म को जुदा करना है।'' इसके साथ ही पत्र में महंत सुमनानंद गिरि को मुनाफिक और बदतमीज बताया गया है। इसके अलावा, धमकी दी गई है कि उनकी जिंदगी अब 'रहम-ओ-करम' पर निर्भर है और वे जल्द ही इसके परिणामों का सामना करेंगे।
पत्र में यह भी कहा गया है, ''तुम खुद एक मरदूद (बहिष्कृत) हो। अल्लाह ने खुद तुमको तोड़ा है, लेकिन शैतान तुम्हारे दिमाग में दाखिल होकर धोखा दे रहा है। हम अपने दीन और ईमान की हिफाजत में पूरी तरह मजबूत हैं। राम मंदिर पर एक दिन अजान गूंजेगी। अपने आप को बचा सकते हो तो बचा लो। इंशाल्लाह हम कामयाब होंगे।'' सुमनानंद ने कहा कि उन्हें पहले भी कई तरह से धमकियां मिल चुकी हैं।
बता दें कि महंत सुमनानंद गिरि को पूर्व में भी कई बार ऐसी धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन इस बार धमकी का पत्र और उसकी भाषा ने चिंता को और बढ़ा दिया है। पुलिस इस पत्र को लेकर गंभीरता से जांच कर रही है, और इस मामले में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उज्जैन में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त कर दिया है ताकि महंत की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।