संसद परिसर में बीजेपी-कांग्रेस सांसद आमने-सामने भिड़े है। इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को धक्का दिया है। धक्का मुक्की के वजह सारंगी गिर गए। जिस वजह से उनके सिर पर चोट आई है। इसी बीच मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है। उन्होंने इस दौरान कहा कि, "अभी-अभी कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने और राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। हम सोच रहे थे कि वो संसद में उनके द्वारा किए गए कुकृत्य की क्षमा मांगेंगे। लेकिन उन्होंने क्षमा नहीं मांगी। मुझे तो समझ ही नहीं आया कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनका अहंकार झलक रहा था।"
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि, आज मेरा मन भारी है, व्यथित है, पीड़ा से भरा हुआ है। मैं एक दर्जन बार लोकसभा और विधानसभा का सदस्य रहा हूं। मैंने सांसदों और विधायकों के व्यवहार और आचरण को देखा है। लेकिन आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार किया गया। जिसकी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि, "हमारी एक आदिवासी सांसद बहन श्रीमती कोन्याक ने जो कुछ कहा है, वो सुनकर व्यथा से हम भर जाते हैं। उन्होंने सभापति जी को शिकायत की है कि उनके साथ अशालीन, असभ्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया। सभापति कह रहे हैं कि वह उनके पास रोती हुई आई थी। क्या महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, क्या उनके इतने निकट पहुंचे कि वो असहज हो जाएं। मां-बहन-बेटी का सम्मान भारत की प्राथमिकता रही है। लेकिन महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसे व्यवहार की कोई कल्पना कर सकता है क्या? क्या हो गया है राहुल गांधी और कांग्रेस को?"
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान आगे कहा कि, "हमारी एक आदिवासी सांसद बहन श्रीमती कोन्याक ने जो कुछ कहा है, वो सुनकर व्यथा से हम भर जाते हैं। उन्होंने सभापति जी को शिकायत की है कि उनके साथ अशालीन, असभ्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया। सभापति कह रहे हैं कि वह उनके पास रोती हुई आई थी। क्या महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, क्या उनके इतने निकट पहुंचे कि वो असहज हो जाएं। मां-बहन-बेटी का सम्मान भारत की प्राथमिकता रही है। लेकिन महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसे व्यवहार की कोई कल्पना कर सकता है क्या? क्या हो गया है राहुल गांधी और कांग्रेस को?"
उन्होंने कहा कि, "सांसदों को ये अधिकार है कि वो किसी बात पर विरोध प्रकट करें। कांग्रेस भी कई दिनों से विरोध प्रकट कर रही थी, मकर द्वार पर उनके सांसद एकत्र होते थे। तब हम लोगों को जाना होता था, तो हम द्वार बदल लेते थे या पास में जो space होता था उसमें से चुपचाप निकलकर अंदर चले जाते थे।"
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान आगे कहा कि, "2 बजे जब हम लोकसभा में पहुंचे तो कांग्रेस के सांसदों ने सारी मर्यादा तोड़ दी। वे अध्यक्ष की आसंदी के ऊपर चढ़ गए। मैंने अपने जीवन में आजतक ऐसा नहीं देखा था। आज आसंदी की मर्यादा को पैरों तले रौंदा गया है, लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गई हैं, संविधान को कुचला गया है, लोकतंत्र को कलंकित करने का पाप कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोगों ने किया है। इसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि, "आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार किया गया। आज जब भाजपा के सांसद मकर द्वार पर विरोध प्रकट कर रहे थे, तब जानबूझकर, सोच समझकर राहुल गांधी हमारे सांसदों के बीच पहुंच गए और न केवल बीच में पहुंचे, बल्कि धक्कामुक्की और गुंडागर्दी की। हमारे बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी जी गिर गए और गिरने के कारण उनके माथे पर गंभीर चोट लगी है। जब मैं देखने गया तो मुकेश राजपूत होश में नहीं थे, उनकी MRI की जा रही है। हमारी एक आदिवासी सांसद बहन श्रीमती कोन्याक जी के साथ अशालीन, असभ्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया।"