भारतीय सेना ने मणिपुर के लेइमाखोंग सैन्य स्टेशन और नागालैंड के ज़खामा सैन्य स्टेशन पर कई समारोह आयोजित करके बहादुर इन्फैंट्री सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद किया। 78वें इन्फैंट्री दिवस के अवसर पर इसे शौर्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिवस 27 अक्टूबर 1947 को श्रीनगर एयरफील्ड पर भारतीय सेना के सफल लैंडिंग की याद में मनाया जाता है, जिसमें हमलावर पाकिस्तानी आदिवासियों और सेना को कश्मीर से वंचित किया गया था। 1947 की लड़ाई स्वतंत्र भारत का पहला सफल सैन्य अभियान था।
इन्फैंट्री के वीरों के साहस को किया गया याद
इस अवसर पर लेइमाखोंग और ज़खामा में युद्ध स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और इन्फैंट्री के वीरों के साहस को याद किया गया। एक विशेष वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया, जिसमें विभिन्न अभियानों में इन्फैंट्री कोर के योगदान को दर्शाया गया, तथा राष्ट्र की सुरक्षा में उनकी भूमिका को रेखांकित किया गया।
श्रद्धांजलि अर्पित की गई
जीओसी, रेड शील्ड डिवीजन, अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों, सैनिकों और दिग्गजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की, जो समारोह के लिए मंच साझा करके सैनिकों की पीढ़ियों के बीच बंधन और कर्तव्य के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।