इनपुट- संदीप मिश्रा, लखनऊ
परिवहन विभाग के अधिकारी इन दिनों गहरी नींद में सो रहे हैं. यही वजह है कि लखनऊ से अवैध बसों का संचालन धडल्ले से हो रहा है. बसें यात्री बिठाने के लिए होती हैं लेकिन अब बसों में सवरियां तो भूसे की तरह भरी ही जा रही हैं, एक ट्रक के बराबर माल भी ढोया जा रहा है. इसी तरह की डग्गामार बसें दुर्घटना का शिकार होती हैं और असमय यात्री काल के गाल में समा जाते हैं. अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, इसलिए वे ऐसे अवैध वाहनों से वसूली करने के बाद कार्रवाई करने के बजाय कुंभकर्णी नींद में फिर सो जाते हैं.
लखनऊ के किसान पथ से रोजाना ही धड़ल्ले से ऐसी बसें गुजर रही हैं जिनमें भूसे की तरह सीटों पर यात्री भरे होते हैं और छत पर एक मालवाहक की तरह सामान लोड होता है. ऐसे में बस पर लोड डबल हो जाता है. रजिस्ट्रेशन के समय बस की चेसिस की क्षमता के मुताबिक मानकों पर खरा उतरने के बाद ही पंजीकरण होता है लेकिन सड़क पर उतरने के बाद बस संचालक मनमानी करने पर आमादा हो जाते हैं. त्योहारों के दौरान बसों में भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है तो ऐसे अवैध संचालकों की चांदी हो जाती है. इस समय लखनऊ के किसानपथ और शहीद पद से दिल्ली और अन्य राज्यों के लिए जाने वाली अवैध बस संचालक भूसे की तरह सवारियां भी ढो रहे हैं और बस की छत पर एक डीसीएम के बराबर सामान भी लोड किया जा रहा है.
ऐसे में अगर बस जरा सी भी असंतुलित हुई तो बड़ी दुर्घटना होना स्वाभाविक है, लेकिन इस ओर लखनऊ के आरटीओ प्रवर्तन दस्तों की नजर ही नहीं जा रही है. वे गहरी नींद में सोए हुए हैं. लखनऊ के किसान पथ से गुजरती हुईं ऐसी ही अवैध बसों पर भूसे की तरह भरी सवारी और छत पर लोड माल का एक यात्री ने वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिया. बताया कि किस तरह से परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो रही है. त्यौहार के समय भी वह अभियान नहीं चला रहे हैं. व्यक्ति यह भी कह रहा है कि त्योहार के समय परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. यही वजह है कि डग्गामार वाहन संचालक इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं.
इसी किसान पथ पर कुछ दिन पहले ही एक बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी जिसमें कई यात्री घायल हुए थे, जबकि बस के चालक की मौत तक हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी अभी तक परिवहन विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं.