महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने "वोट जिहाद" का मुद्दा उठाते हुए चुनावी माहौल गरमा दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार राज्य के चुनाव में फर्जी बयानों और वोट जिहाद का असर नहीं होगा और विश्वास जताया कि आगामी चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत होगी।
एक टीवी इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद एक अहम मुद्दा था, जहां एक समुदाय ने भाजपा के विरोध में वोट किया था ताकि प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता से हटाया जा सके। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यह रणनीति इस बार काम नहीं करेगी।
शिवसेना (यूबीटी) का पलटवार
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान "वोट जिहाद" शब्द चर्चा में आया था, जब सपा नेता मारिया आलम खां ने अल्पसंख्यक समुदाय से संविधान की रक्षा के लिए "वोट जिहाद" में हिस्सा लेने की अपील की थी। अब फडणवीस ने महाराष्ट्र के चुनावी माहौल में इस शब्द का उपयोग करते हुए इसे फिर चर्चा में ला दिया। उनके बयान पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि फडणवीस को "वोट जिहाद" की परिभाषा स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जब भाजपा को मुस्लिम वोट मिलते हैं तो यह वोट जिहाद नहीं होता, लेकिन जब विपक्ष को यही वोट मिलते हैं, तो इसे वोट जिहाद क्यों कहा जाता है?
फडणवीस का आरोप: महा विकास अघाड़ी ने झूठी कहानी बनाई
पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) के गठबंधन ने केवल 17 सीटें जीती थीं, जबकि महा विकास अघाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इस पर फडणवीस का कहना है कि महाराष्ट्र के मतदाता कभी मिलाजुला फैसला नहीं देते। उन्होंने आरोप लगाया कि महा विकास अघाड़ी ने झूठी कहानियां गढ़ीं, जिसमें उन्होंने यह अफवाह फैलाई कि मोदी सरकार संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। फडणवीस ने दावा किया कि अब लोगों को सच्चाई का पता चल गया है और महा विकास अघाड़ी के झूठ का पर्दाफाश हो गया है।
दलित वोट और महाराष्ट्र चुनाव
महाराष्ट्र चुनाव में दलित वोटों की भूमिका पर फडणवीस ने कहा कि दलित मतदाता महत्वपूर्ण हैं, लेकिन एकमात्र समुदाय चुनाव का नतीजा नहीं तय कर सकता। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय कुछ झूठे बयानों के कारण दलित वोट उनसे दूर हो गए थे, लेकिन अब वे वापस आ रहे हैं।
फडणवीस ने महा विकास अघाड़ी पर भी हमला करते हुए कहा कि विपक्ष का लक्ष्य केवल विकास कार्यों को रोकना है। उन्होंने कहा, “बुलेट ट्रेन, मेट्रो, हाईवे और एयरपोर्ट जैसी परियोजनाओं को रोकने का ही उनका काम है। हमारा काम है - प्रगति को बढ़ावा देना और विकास कार्यों को पूरा करना।”