साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा, जो खास संयोग में होली के साथ आ रहा है। यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, और इसे ब्लड मून (लाल चांद) के रूप में देखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं, और इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
चंद्र ग्रहण का समय
इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च 2025 को सुबह 9:29 बजे होगी और यह दोपहर 3:29 बजे समाप्त होगा। कुल समय 6 घंटे और 2 मिनट का रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
ब्लड मून का समय
ब्लड मून का नजारा 14 मार्च को सुबह 11:29 बजे से लेकर दोपहर 1:01 बजे तक दिखाई दे सकता है। इस दौरान चंद्र ग्रहण के लाल रंग में बदलने का दृश्य देखने को मिलेगा।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा, बल्कि यह उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
सूतक काल चंद्र ग्रहण के आरंभ होने से 9 घंटे पहले शुरू होता है, लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान देवी-देवताओं की पूजा या शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
ब्लड मून क्या है?
ब्लड मून तब होता है जब चांद पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में समा जाता है, और सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती। इस दौरान चांद लाल रंग का दिखाई देता है। इसे "खूनी चांद" भी कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
इस चंद्र ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। वृषभ, मिथुन, कर्क और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ माना जा रहा है, जिसमें लाभ मिलने की संभावना है। वहीं, सिंह, तुला और मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण अशुभ माना जा रहा है।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
क्या न करें:
चंद्र ग्रहण के दौरान क्रोध से बचें, क्योंकि इससे अगले 15 दिन खतरनाक हो सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन न करें और पूजा-पाठ से भी बचें।
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास न जाएं।
नए कार्य की शुरुआत चंद्र ग्रहण के दौरान न करें, क्योंकि इस समय नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा होती है।
ग्रहण के समय पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए, इससे घर की सुख-शांति प्रभावित हो सकती है।
क्या करें:
चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जप करें, जिससे दोगुना पुण्य मिलेगा।
चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों को दान करें।
ग्रहण के बाद घर को शुद्ध करें ताकि नकारात्मक शक्तियां दूर हो सकें।
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें, इससे पुण्य की प्राप्ति होगी।