पीएम मोदी ने आज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में स्पष्ट किया कि भारत युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देता है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि हम युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति के समर्थक हैं। पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि हमने जिस तरह से कोविड जैसे संकटों का सामना मिलकर किया है, उसी तरह हम भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य बनाने के लिए नए अवसरों की खोज कर सकते हैं। सनद रहे कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत अन्य प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग का आह्वान
पीएम मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस वैश्विक कोशिशों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस खतरे के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। हमें आतंकवाद और उसके वित्तपोषण का सामना करने के लिए सभी का दृढ़ समर्थन चाहिए। पीएम मोदी ने युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर सामूहिक रूप से काम करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के विकास की आवश्यकता पर भी बल दिया।
नए देशों के स्वागत के लिए भारत है तैयार
इस अवसर पर, पीएम मोदी ने बताया कि भारत ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सभी निर्णय आम सहमति से लेने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए सिद्धांतों और प्रक्रियाओं के पालन की बात भी की, जो सभी सदस्यों और भागीदार देशों पर लागू होनी चाहिए।