ईसाई पोप फ्रांसिस के निधन पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने गहरा दुख जताया है। केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि वेटिकन सिटी से आई यह खबर बेहद दुखद है। ईसाई पोप फ्रांसिस के निधन से दुनिया भर में उनके चाहने वालों को मर्माहत कर दिया है। दुख और पीड़ा की इस घड़ी में प्रभु सबको संबंल प्रदान करें।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने शोक संवेदना संदेश में कहा कि दुनिया भर के कैथोलिक ईसाइयों के पोप फ्रांसिस 88 वर्ष की उम्र तक किसी योद्धा की तरह रहे और पिछले कुछ महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बावजूद उनकी चिंता विश्व शांति को लेकर रही।
मांझी ने पोप फ्रांसिस को नमन करते हुए कहा कि पोप फ्रांसिस अपने दौर के सबसे प्रगतिशील और संवेदनशील धर्मगुरु के तौर पर हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने कई गंभीर सवालों पर परंपराओं को तोड़ते हुए क्रांतिकारी फैसले लिए. भारत के साथ पोप फ्रांसिस के संबंध बेहद आत्मीय और खास थे उनका निधन हमारे देश के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।
PM मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ईसाई पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक जाहिर किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि, परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुःखी हूँ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
पीएम ने आगे लिखा कि, पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि, मुझे उनके साथ हुई मुलाकातें बहुत अच्छी तरह याद हैं और मैं समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ईसाई पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताया है। राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि, परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुःखी हूं । उन्हें मानव समाज, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएँ दुनिया भर के उन लाखों लोगों के साथ हैं जो उनके निधन पर शोक मना रहे हैं।