दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यह दुखद है कि 10 वर्षों के अनुभव के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम उठाने में असफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्दी की शुरुआत होते-होते दिल्ली एक मिनी गैस चैंबर में बदल गई है।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली का मौसम और प्रदूषण मुख्यतः पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है, लेकिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री राजनीतिक कारणों से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान पर दोष मढ़ने में व्यस्त रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पहले अरविंद केजरीवाल की सरकार और अब आतिशी मार्लेना की सरकार को हरियाणा में पराली जलते हुए तो नजर आता है, लेकिन इसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार के सख्त उपाय दिखाई नहीं देते। सचदेवा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी ही पार्टी द्वारा शासित पंजाब पर ध्यान देना चाहिए, जो पराली जलाने में सबसे आगे है और इससे पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की है। सचदेवा ने गोपाल राय से सवाल किया कि उनकी पंजाब सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि जितनी बसें हरियाणा और राजस्थान से दिल्ली आती हैं, उतनी ही पंजाब से भी आती हैं, तो उन्होंने पंजाब सरकार को पत्र क्यों नहीं लिखा।
सचदेवा ने कहा कि दो दिन पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार की बनाई टीमें धूल-मिट्टी की जांच नहीं कर रही हैं। आज गोपाल राय को निर्देश देना पड़ा कि हर टीम रोज कम से कम दो निरीक्षण रिपोर्ट दे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि दिल्ली सरकार ने ग्रेप 2 प्रतिबंध तो लागू कर दिए, लेकिन इससे प्रभावित मजदूरों और छोटे ढाबों के मालिकों के लिए कोई राहत योजना नहीं बनाई। दिल्ली भाजपा मांग करती है कि सरकार ग्रेप प्रतिबंधों के कारण प्रभावित लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे।