केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को 6,798 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली दो महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसमें कहा गया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना, यात्रा को सुगम बनाना, लॉजिस्टिक लागत को घटाना, तेल आयात में कमी लाना और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी करना है। इन परियोजनाओं को अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा।
CM नीतीश का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्वीट किया कि 22 सितंबर 2024 को उन्होंने प्रधानमंत्री से मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी (पुनौरा धाम) के लिए रेल संपर्क की मांग की थी।
नीतीश कुमार ने कहा कि आज केंद्रीय कैबिनेट ने अयोध्या से सीतामढ़ी तक 4,553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण का निर्णय लिया है। उन्होंने इसे एक स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं को अयोध्या और मां सीता की जन्मस्थली पुनौराधाम आने में सुविधा होगी।
परियोजनाओं का विवरण
इन स्वीकृत परियोजनाओं में बिहार के नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंडों का दोहरीकरण शामिल है। दूसरी परियोजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में अमरावती से एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर की नई रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों परियोजनाओं से लगभग 106 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा।
रेलवे नेटवर्क में वृद्धि
इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिले लाभान्वित होंगे, और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 313 किलोमीटर की वृद्धि होगी। मंत्रिमंडल के अनुसार, ये परियोजनाएं असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेंगी, जिससे लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
नेपाल और पूर्वोत्तर भारत के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक होगी। इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिलों के 388 गांवों और लगभग नौ लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
सीसीईए ने यह भी कहा कि ये रेलवे मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात और सीमेंट जैसे वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। इन परियोजनाओं से 31 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) अतिरिक्त माल यातायात की उम्मीद है।