दो दिवसीय DRDO डायरेक्टर्स कॉन्क्लेव 2024, 25 अक्टूबर को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, पुणे में शुरू हुआ। DRDO के इस वार्षिक कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने किया। अपने संबोधन में, डीआरडीओ अध्यक्ष ने आज के उभरते वैश्विक परिदृश्य में प्रौद्योगिकी नेतृत्व की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक संगठन के रूप में डीआरडीओ को सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कॉन्क्लेव का क्या है उद्देश्य?
जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने भविष्य के संघर्षों के लिए अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के उपयोग और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में डीआरडीओ की भूमिका पर एक पूर्ण भाषण दिया। कॉन्क्लेव के दौरान 'पुनर्निर्धारित रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए डीआरडीओ में बदलाव' विषय के अनुरूप विभिन्न सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को डीआरडीओ को अधिक कुशल संगठन बनाने की दिशा में लागू किए गए या कार्यान्वयन के तहत डीआरडीओ सुधारों की श्रृंखला के बारे में सूचित करना है।
किन मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श?
इस कार्यक्रम में देश को रक्षा प्रौद्योगिकी में अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में उद्योग और शिक्षा जगत को व्यापक रूप से शामिल करके एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर विचार-विमर्श किया गया। शिक्षा और उद्योग की भागीदारी के माध्यम से रक्षा अनुसंधान एवं विकास में क्षमता वृद्धि के लिए विभिन्न विचार-मंथन सत्र और पूर्ण वार्ता आयोजित की जा रही है। आगे का रास्ता तय करने की दिशा में विचारों और सुझावों को साझा करने के साथ सम्मेलन का समापन होगा।
कौन-कौन इस कार्यक्रम में ले रहा है भाग?
विभिन्न प्रौद्योगिकी और कॉर्पोरेट समूहों के महानिदेशक, प्रयोगशालाओं के निदेशक और कार्यक्रम निदेशक, मुख्यालय के कॉर्पोरेट निदेशक और एकीकृत वित्तीय सलाहकार सहित डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।