जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के भारत दौरे को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय यात्रा बताया। इस दौरे की शुरुआत भारत और जर्मनी के बीच सातवें अंतर-सरकारी परामर्श से हुई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और चांसलर ओलाफ शोल्ज ने 'एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस' को संबोधित किया। यह सम्मेलन 12 वर्षों के बाद भारत में हो रहा है, और इस यात्रा के अंत में चांसलर गोवा में दो जर्मन नौसैनिक जहाजों का दौरा करेंगे।
विदेश सचिव ने क्या बताया?
विदेश सचिव ने बताया कि यह चांसलर शोल्ज का तीसरा दौरा है और उन्होंने पीएम मोदी के साथ पांच बार मुलाकात की है। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं के बीच सीमित द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा की गई।
व्यापार और निवेश में प्रगति
मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी और चांसलर शोल्ज ने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 33 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जबकि जर्मनी का कुल निवेश 13 मिलियन डॉलर है। आतंकवाद रोधी अभियानों में सहयोग पर भी बातचीत की गई।
अरिहा शाह के मामले पर विदेश सचिव ने क्या कहा?
अरिहा शाह के मामले पर, विदेश सचिव ने कहा कि भारत इस मुद्दे को गंभीरता से देख रहा है। उन्होंने पुष्टि की कि भारतीय दूतावास ने इस मामले को जर्मन अधिकारियों के सामने उठाया है, और चांसलर ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर करीबी निगरानी रखेंगे।
भारत की शांति नीति
जब रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा हुई, तो मिस्री ने बताया कि भारत ने शांति के पक्ष में अपनी स्थिति स्पष्ट की। प्रधानमंत्री ने चांसलर को बताया कि भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति की दिशा में कदम उठा रहा है।