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Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर होगा सूर्य ग्रहण का साया... जानें पितरों की विदाई के दिन कैसे कर पाएंगे श्राद्ध

Surya Grahan 2024: सर्वपितृ अमावस्या का दिन पितृ पक्ष के 15 दिनों के समापन का प्रतीक है, जो पूर्वजों को समर्पित है।

Ravi Rohan
  • Oct 1 2024 12:21PM

सर्वपितृ अमावस्या का दिन सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पितृ पक्ष के 15 दिनों के समापन का प्रतीक है, जो पूर्वजों को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करते हैं और उनके नाम पर दान-पुण्य करते हैं। इस वर्ष, सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर, 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन एक सूर्य ग्रहण भी है, जिससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ दी जा रही है।

सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण का समय

ज्योतिष के अनुसार, इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 1 अक्टूबर 2024 को रात 09:40 बजे शुरू होगा और 2 अक्टूबर 2024 को सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सर्वपितृ अमावस्या पर इस ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके अलावा, इस दिन का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा, जिससे आप अपने पितरों का श्राद्ध कर्म और अन्य पूजा-अर्चना आराम से कर सकते हैं।

तर्पण करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

 जब आप पितरों का तर्पण करें, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

- पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
- तामसिक भोजन और विवाद से दूर रहें।
- तर्पण करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करें।
- तर्पण में उंगली का उपयोग नहीं करें; इसके लिए अंगूठे का प्रयोग करें।
- अंगूठे में कुशा धारण करना न भूलें।
- जल, गंगाजल, दूध और काले तिल का उपयोग करके पितरों का तर्पण करें।

इस दिन का सही तरीके से पालन करने से आपको अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

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