हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। जो भगवान शिव और भूमि देवता से संबंधित एक विशेष व्रत है। हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूज की जाती है। इस बार 15 अक्टूबर 2024 को भौम प्रदोष व्रत पड़ रहा है। कई शुभ संयोग बन रहे हैं। भोलेनाथ के अलावा हनुमान जी पूजा करना भी शुभ रहेगा। जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से भोलेनाथ की पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत के दिन पूजा का सबसे शुभ समय शाम के समय होता है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5:45 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
स्नान और शुद्धता: व्रति को सबसे पहले प्रातः स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
मंदिर जाएं: यदि संभव हो तो शिव मंदिर जाकर वहां भगवान शिव की पूजा करें।
दीपक जलाना: भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं और धूप-दीप अर्पित करें।
विशेष वस्तुएं अर्पित करें: भगवान शिव को बेलपत्र, दूध, दही, शहद, फल और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
रुद्राष्टक्शर: शिव के लिए 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें और रुद्राष्टक्शर का पाठ करें।
भोग अर्पित करें: पूजा के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और उसके बाद प्रसाद के रूप में बाँटें।
व्रत का पालन: पूरे दिन उपवासी रहकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करें।
भौम प्रदोष व्रत करने से कई प्रकार के कष्ट दूर होते हैं, जैसे आर्थिक समस्याएं, पारिवारिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनका जन्म राशि में मंगल कमजोर है।