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Diwali 2024: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर कब मनाई जाएगी दिवाली, जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त यहां

इस साल दिवाली का त्योहार 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ शुरु होकर 3 नवंबर को भाई दूज के साथ समाप्त होगा।

Rashmi Singh
  • Oct 14 2024 6:30PM

अंधकार पर विजय का पर्व दिवाली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। दिवाली का त्योहार धार्मिक और सामाजिक सीमाओं को पार करते हुए अंधेरे पर प्रकाश की शक्ति, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की विजय पाने का पर्व है। ऐसे में आइए जानते है इस साल दिवाली कब है। 

कब है दिवाली ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक अमावस्या को पड़ता है। भारत में, विशेषकर उत्तर भारत में, दिवाली का त्यौहार पाँच दिनों तक चलता है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि धनतेरस के दिन शुरू होता है और भाई दूज के दिन समाप्त होता है। इस बार की दिवाली उत्तर भारत और दक्षिण भारत में एक ही दिन है।  इस साल दिवाली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। 

क्या है कार्तिक अमावस्या तिथि का समाय ?

इस साल कार्तिक तिथि अमावस्या का समय 31 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर शाम को 6 बजकर 17 मिनट तक है। 

प्रदोष पूजा का समय 

 प्रदोष पूजा का समय इस साल 1 नवंबर, शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं दिवाली 2024 मंगलवार, 29 अक्टूबर, 2024 को धनतेरस से शुरू होगी और रविवार, 3 नवंबर, 2024 को भाईदूज पर समाप्त होगी। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी को भैवव की देवी कहा जाता है।

 दिवाली 2024 कैलेंडर

 DAY 1: धनतेरस - 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार 

 DAY 2: नानका चतुर्दशी (छोटी दिवाली) - 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार 

 DAY 3: लक्ष्मी पूजा (दिवाली) - 1 नवंबर 2024, शुक्रवार 

 DAY 4: गोवर्धन पूजा - 2 नवंबर 2024, शनिवार 

 DAY 5: भाईदूज - 3 अक्टूबर 2024, रविवार 

 दिवाली पूजन सामग्री 

 दिवाली की पूजा के लिए पूजा सामग्री में सबसे पहले मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा, रोली, कुमकुम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी के दीऐ, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, बताशे, जनेऊ, श्र्वेत वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली, चांदी का सिक्का, बैठने का आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते और प्रसाद रखना जरुरी है। 

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