मध्य प्रदेश के चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी ने बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा दुनिया भारत को दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन सत्य कभी भी दबता नहीं। जब समय आता है तो सर चढ़कर बोलता है। उन्होंने इसी दौरान कहा कि अस्त्र शस्त्र दुनिया में सब को चाहिए पर धारण करने के लिए राम भी चाहिए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने कहा है कि कुछ लोग निहित स्वार्थ के चलते उभरते भारत को दबाने की कोशिश रहे हैं। सत्य भारत है जो कभी दबता नहीं है। यह हर संकट से उबर कर आगे बढ़ता रहेगा। सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ स्वयं सेवक डंडा लेकर दूर करेंगे।
मोहन भागवत जी ने अयोध्या मंदिर के निर्माण पर चर्चा की, कहा कि अयोध्या मंदिर निर्माण का प्रयास सभी ने किया लेकिन, गोवर्धन धारण तो कृष्ण की उंगली पर ही हुआ। इस अवसर पर यह भी कहा कि शस्त्र दुनिया में चाहिए, पर धारण करने वाला राम भी चाहिए। अच्छे भोजन के बाद कड़वा चूर्ण के रूप में संतों के प्रवचन के बाद मेरी बात है, इससे जीवन सुधार सकता है।
वर्ग समापन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने पदाधिकारियों में जोश भरते हुए कहा कि नई उम्मीद और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट हो जाएं। किसी से डरने या अन्याय सहने की जरूरत नहीं है। विश्व में हमेशा धर्म व अधर्म रहे हैं। धर्म के पक्ष में ही खड़े रहना चाहिए। आचरण से धर्म की प्राप्ति होती है। कहा कि पुरुषार्थी लोगों को कभी-कभी शस्त्र उठाना पड़ता है। जब पूरा समाज तैयार होता है तब भगवान की कृपा रूपी अंगुली उठती है। ऋषि और मुनियों के कठोर परिश्रम से राष्ट्र की नींव रखी गई है। अलग-अलग रंग रूप होते हुए भी मूलरूप से हम सभी एक है। भारत विश्व में सबसे सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी और संत मोरारी बापू ने कई संतों के साथ समय गुजारा। उनके कार्यस्थल मठ और मंदिर गए। तपस्या करने वाले संतों के बीच मंदाकिनी किनारे टाठी घाट पहुंचे। इसके बाद मोरारी बापू जगदगुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात करने पहुंंचे। बताया कि जगदगुरु ने फोन कर बुलाया तो वह दर्शन के लिए पहुंचे।