उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली को गिरफ्तार कर लिया गया है। 23 मार्च 2025 (रविवार) को राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने हिंसा से जुड़े मामले में उसे दोषी पाई है। पुलिस ने उससे 4 घंटे लंबी पूछताछ के बाद जेल भेज दिया। यह गिरफ्तारी संभल हिंसा के संदर्भ में की गई, जिसमें जफर अली पर आरोप लगाए गए थे।
जफर अली की गिरफ्तारी के बाद संभल के CO अनुज चौधरी ने कहा कि इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले से ही पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही, क्षेत्र में अभी भी सुरक्षा बलों की तैनाती बनी हुई है, ताकि किसी भी प्रकार का विवाद या हिंसा न हो।
गिरफ्तारी के बाद, जफर अली को मेडिकल जांच के लिए चंदौसी ले जाया गया। चंदौसी कोर्ट के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, क्योंकि जफर अली को उनके बेटे के साथ कोर्ट लाया जा रहा था। इस मामले को लेकर वकील और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया और गिरफ्तारी को गलत ठहराया।
अब पुलिस मामले की जांच कर रही है, जबकि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बनाए रखी गई है। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में कोई भी व्यक्ति अगर दोषी पाया जाएगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, संभल हिंसा के आरोपी जफर अली की गिरफ्तारी के बाद वहां मौजूद लोगों ने नारेबाजी करते हुए विरोध जताई। लोगों ने जफर अली जिंदाबाद और संभल पुलिस हाय-हाय के नारे लगते हुए गाड़ी के पीछे दौड़ते नजर आए। वो लोग ऐसा कर के वहां हिंसा फैलाना चाहते थे। हालांकि, पुलिस टीम की भाड़ी मौजूदगी के वजह से कोई हिंसा नहीं कर हो पाई।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि, संभल के विवादित जामा मस्जिद में 24 नवंबर 2024 को एक स्थानीय अदालत के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था। इस सर्वे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और 20 लोग जख्मी हो गए, जिनमें उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र भी शामिल थे। हिंसा के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
यह सर्वे स्थानीय अदालत के आदेश पर किया जा रहा था। अदालत में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि जहां वर्तमान में जामा मस्जिद स्थित है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। इस दावे के आधार पर, अदालत ने जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। सर्वे करने वाली टीम ने 24 नवंबर 2024 को फिर से मस्जिद का दौरा किया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई।
संभल में हुई इस हिंसा की जांच अब विशेष जांच टीम (SIT) कर रही है। एसआईटी मामले की गहन जांच करके यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिंसा किस कारण से भड़की और उसके पीछे कौन लोग थे। इस हिंसा ने पूरे इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी थी, जिसे अब पुलिस और प्रशासन नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।