इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विमानों को मिल रही बम धमकियों के संदर्भ में एक एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को ऐसी सूचनाओं को हटाने और सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत यह निर्देश जारी किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मध्यस्थ उचित परिश्रम का पालन करें।
बम की धमकियों का प्रभाव
आईटी मंत्रालय ने कहा कि हाल के दिनों में विभिन्न एयरलाइनों को कई झूठी बम धमकियां मिली हैं, जो यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रभावित कर रही हैं। इन फर्जी धमकियों के कारण एयरलाइनों का सामान्य संचालन बाधित हो रहा है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि ये झूठी बम धमकियां न केवल नागरिकों को प्रभावित करती हैं, बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा को भी कमजोर करती हैं। सोशल मीडिया पर "फॉरवर्डिंग/री-शेयरिंग" के विकल्पों के चलते इन धमकियों का फैलाव तेजी से बढ़ा है, जिससे गलत सूचनाओं का प्रसार खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है।
सोशल मीडिया मध्यस्थों की जिम्मेदारियां
आईटी मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और अन्य मध्यस्थों को गलत सूचनाओं को तुरंत हटाने का दायित्व है, जो सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करती हैं। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें कानूनी दायित्वों का सामना करना पड़ सकता है।
दिशानिर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि मध्यस्थ उचित परिश्रम का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें आईटी अधिनियम के तहत कानूनी दंड का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार, मंत्रालय ने सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में सभी संबंधित पक्षों से जिम्मेदारी से कार्य करने की अपील की है।