उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में हिन्दुओं के दलित समुदाय की लड़की के अपहरण मामले में मंगलवार (25 मार्च 2025) को पुलिस ने 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों के नाम मोहम्मद शादाब, अजहर, अरमान और ओसामा हैं। पीड़िता के अपहरण के साथ उनकी माँ को भी गंदी-गंदी गालियाँ दी गईं थी और जातिसूचक शब्द बोले गए थे। घटना शनिवार (1 मार्च 2025) की है।
यह मामला संतकबीरनगर जिले के थानाक्षेत्र धनघटा का है। 3 मार्च 2025 (सोमवार) को यहाँ के एक गाँव की रहने वाली महिला ने पुलिस में शिकायत दी है। शिकायत में बताया गया था कि शनिवार (1 मार्च) की रात शादाब, अजहर, ओसामा और अरमान खान मिल कर उनकी 18 वर्षीया बेटी को कहीं बहला-फुसला कर साथ ले गए। पीड़िता ने अपनी तरफ से खोजबीन की तो उसे मोहम्मद अरमान का मोबाइल नंबर मिला।
महिला ने अरमान को कॉल किया और अपनी बेटी को वापस लौटा देने की विनती की। इन तमाम मिन्नतों का अरमान या उसके साथियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उलटे उन लोगों ने पीड़िता की माँ को गंदी-गंदी गालियाँ दीं। गालियों के साथ महिला को जातिसूचक शब्द भी बोले गए। इसके अलावा कहीं शिकायत करने पर पीड़िता और उसके परिवार को जान-माल की धमकियाँ भी दी गईं। संख्या में कम होने की वजह से पीड़िता सहम गई। हालाँकि 3 मार्च को घटना के बारे में पुलिस को सूचना दे दी गई।
पीड़िता ने खुद को बेहद कमजोर और लाचार बताते हुए न्याय की गुहार लगाई और आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने इस तहरीर पर 3 मार्च को ही FIR दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137 (2), 87, 352 और 351 (3) के साथ SC/ST एक्ट के विभिन्न सेक्शनों में लिखी गई। सुदर्शन न्यूज़ के पास FIR कॉपी मौजूद है। जाँच डिप्टी एसपी अम्ब्रीश सिंह भदौरिया को मिली जिन्होंने फ़ौरन ही टीमों का गठन कर के आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए।
लगभग 22 दिनों तक चले अथक प्रयासों के बीच ही पुलिस ने पहले पीड़िता को सही सलामत अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचा लिया। आरोपितों की तलाश जारी रही। इस बीच 25 मार्च को पुलिस को चारों आरोपितों की लोकेशन संतकबीर नगर जिले के ही पौली चौराहे के पास मिली। दबिश दे कर पुलिस ने अजहर, शादाब, अरमान और ओसामा को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई जारी है। फ़िलहाल तमाम कथित दलित हित चिंतकों ने इस मामले पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।